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Saint Baba Muktananda Said...(Hindi)

जब कभी भी तुम्हें अपने कुत्यों को करना हो, चाहे वह आज हो, एक सप्ताह बाद हो, एक माह या फिर एक वर्ष बाद - उन्हें मन की तन्मयता और समयनिष्ठता के साथ करो । मन और इद्रियाँ, दोनों का प्रयोग करो । सम्मान व अनुशासन के साथ, उत्साह, हर्ष व प्रेम के साथ, समस्त उत्सवों को मनाओ। ~ बाबा मुक्तानन्द


Image BY pixabay.com :-


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