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04 The World Is As You See It...(Hindi)

या दृष्टि सा सृष्टि

एक उद्बोधक कहानी


एक किसान था। उसका जीवन के प्रति बड़ा नकारात्मक दृष्टिकोण था। वह सदा भगवान को कोसता ही रहता। उसके पास-पड़ोस में रहनेवाले लोगों ने बहुत प्रयत्न किया कि वे उसके इस रवैये को बदल सकें और उसे एक अच्छा व्यक्ति बनने में मदद करें। किन्तु वे सभी ऐसा करने में असफल रहे। यथार्थ में उन लोगों के लिए यह एक कौए को हंस व एक गधे को मोर की चाल चलाने के समान था।


बहरहाल, एक वर्ष आलू की खूब बढ़िया फ़सल हुई। पड़ोसियों को उस नकारात्मक रवैयेवाले किसान का स्मरण आया। वे आपस में कहने लगे, “आह! इस बार तो वह भगवान से बहुत खुश होगा। चलो चल कर देखते हैं कि उसका क्या हाल-चाल है।"


Image BY pixabay.com :-


सभी पड़ोसी उस किसान के खेत पर पहुंचे। उन्होंने उससे कहा, “अरे भाई, बधाई हो! इस बार तो आलुओं की खेती ने कमाल ही कर दिया। आखिरकार भगवान ने तुम पर अपना प्रचुर आशीर्वाद बरसाया है। इसके लिए क्या तुम उसे धन्यवाद नहीं दोगे?”


आश्चर्य की बात कि वह किसान अभी भी नाखुश था। मुँह लटकाये हुए उसने कहा, “तुम लोग क्या बात कर रहे हो? भगवान! वह तो निर्दयी और निष्ठुर है। उसने मेरे खेत में एक भी आलू सड़ने नहीं दिया। अब मैं अपने सूअरों को क्या खिलाऊँगा?"


Jay Siyaram...

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